रूपही महाविद्यालय में हिन्दी विभाग की स्थापना 10 अगस्त, 1981 ई. में हुई । पूर्व विभागाध्यक्ष प्रताप चन्द्र डेका, आनोवारा बेगम तथा खादिजा बेगम आदि विभाग के शुरूआती अधिष्ठापकों में थे ।प्रारंभ में केवल पास कोर्स की सुविधा प्रदान करने के बाद सन् 2018 से विभाग ने अनार्स पाठ्यक्रम की शुरुआत की ।
स्थानीय विद्दार्थि यों की सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषिक, आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए तुलनात्मक रूप से पिछड़े, ग्रामीण विद्दार्थियोंको राज भाषा हिन्दी का ज्ञान प्रदान करना, उनके हिन्दी कथन कौशल का विकास करना विभाग का मूल उद्देश्य हैं । इसके अलावा हिन्दी साहित्य से करीबी परिचय करवाते हुए असमिया, बांग्ला भाषी विद्दार्थियों में आलोचनात्मक एवं तुलनात्मक दृष्टिकोण का विकास करना तथा उनके व्यक्तित्व में वैविध्यता का समावेश करना भी विभाग का अन्यतम ध्येय है । प्रभावी तरीके से विद्दार्थियों को पाठ्य क्रम का ज्ञान देते हुए उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विभाग में समय-समय पर सामुहिक चर्चा, प्रश्नोत्तर पर्व, कक्षागत प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है । इस विभाग से स्नातकीय शिक्षा समाप्त करने वाले विद्यार्थी वर्तमान समय में न केवल अलग-अलग महाविद्यालय, विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षार्जन कर रहें हैं बल्कि विविध शिक्षानुस्थानों में शिक्षक-शिक्षयित्री की भूमिका भी निभा रहे हैं।